21. स्वर यंत्र के इन भिन्न प्रकार के कार्यों का भिन्न प्रकार की मुखर पंजियों के रुप में वर्णन किया जाता है.22. कैंसर को बढ़ने से बचाने के लिए अधिकतर मामलों में पहली प्रक्रिया में स्वर यंत्र को निकालना जरूरी हो जाता है। 23. वयस्कता आने के बाद आवाज में आये अजब परिवर्तनों के पहले स्वर यंत्र कच्चे धरोष्ण दूध की तरह सुन्दर होता है. 24. नाक से ली गई साँस स्वर यंत्र और ग्रसनी (फैरिंक्स) से होते हुए श्वास नली (ट्रैकिया) में पहुँचती है। 25. वाइब्रेटो प्राकृतिक रूप से होता है और उचित श्वास समर्थन और आराम की स्थिति में काम कर रहे स्वर यंत्र का परिणाम होता है. 26. गर्भाशय, स्तन, स्वर यंत्र आदि अंगों में कैंसर होने पर शल्य चिकित्सा द्वारा इन अंगों को काट कर निकाल दिया जाता है। 27. वाइब्रेटो प्राकृतिक रूप से होता है और उचित श्वास समर्थन और आराम की स्थिति में काम कर रहे स्वर यंत्र का परिणाम होता है. 28. गले की ग्रास नलिका अथवा ग्रसनी के कैंसर में निगलने की तकलीफ होती है साथ ही स्वर यंत्र पर दबाव के कारण आवाज में बदलाव आ जाता है। 29. उन्होंने बताया कि वर्ष 1960 के आस-पास एक बार ऊंचा सुर लगाते वक्त लता को स्वर यंत्र [वोकल कॉर्ड] में किसी परेशानी के चलते अपनी आवाज फटती महसूस हुई. 30. मुखर स्वर और उत्पादन पर एक प्रमुख प्रभाव स्वर यंत्र के कार्य से होता है, जिसे लोग भिन्न तरीकों से प्रयोग करके भिन्न प्रकार के स्वर उत्पन्न करते हैं.