21. पहली पंक्ति सुनते ही मैं समझ गया कि इस कविता का अन्त ‘हा हन्त ' से होगा, और हुआ। 22. पहली पंक्ति सुनते ही मैं समझ गया कि इस कविता का अंत ‘हा हन्त ' से होगा और हुआ। 23. तुक की गुलामी करोगे तो आरम्भ चाहे ' बसन्त ' से कर लो, अन्त जरूर ' हा हन्त ' से होगा। 24. पहली पंक्ति सुनते ही मैं समझ गया कि इस कविता का अंत ‘ हा हन्त ' से होगा और हुआ। 25. तुक की गुलामी करोगे तो आरम्भ चाहे ‘ वसन्त ' से कर लो, अन्त जरूर ‘ हा हन्त ' से होगा। 26. तुक की गुलामी करोगे तो आरम्भ चाहे ' बसन्त ' से कर लो, अन्त जरूर ' हा हन्त ' से होगा। 27. अन्त, सन्त, दिगन्त आदि के बाद सिवा ' हा हन्त ' के कौन पद पूरा करता? तुक की यही मजबूरी है। 28. परन्तु हा! हन्त !! भारत सरकार का उत्तर उस मूर्ख व्यक्ति के समान था जिसमें अपनी मिथ्या कुलीनता का दम्भ कूट-कूट कर भरा हो। 29. व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तुक पर तुक बिठाते चलते हैं और ‘ वसन्त ' से शुरू करके ‘ हा हन्त ' पर पहुँचते हैं। 30. (कठो. १, ३, १ २) + + + + + हन्त तेऽदम् प्रवक्ष्यामि गुह्यं ब्रह्म सनातनम्।यथा च मरणं प्राप्य आत्मा भवति गौतम ।।