31. देह-विकार, कष्ट, क्लेश, लोभ, क्षोभ और अंतर्द्वन्द्व नहीं मिटते इस जीवन में । 32. माया और राम का यह अंतर्द्वन्द्व इतना बढा कि आज समाज को उसकी सारी बातें दोहरी प्रतीत होने लगी हैं। 33. विकास कुमार की आवाज़ में मेरी कविता ' अंतर्द्वन्द्व' मेरी कविता अंतर्द्वन्द्व अब विकास कुमार की आवाज़ में यहाँ सुने । 34. यतः ॥ अधूरा मन, चित्त की चंचलता, मोह, लोभ, अंतर्द्वन्द्व वीरता प्रत्येक नायक परशुराम से लेकर मंगल पाण्डे तक भय, 35. उनके विषय में ऐसी कहानी भी मिलती है कि तीव्र अंतर्द्वन्द्व के किसी क्षण में उन्होंने अपनी आँखें फोड़ ली थीं। 36. नायक-नायिका की रति के साथ साथ इस प्रबंध काव्य में नायक के अंतर्द्वन्द्व का भी सफल चित्रण है. 37. आदिवासी और शहरी समाज-संस्कृति की तुलना के माध्यम से भी कवि वैचारिकी स्तर पर मनोस्थितियाँ अंतर्द्वन्द्व और जटिलता को उभारता है। 38. उनके विषय में ऐसी कहानी भी मिलती है कि तीव्र अंतर्द्वन्द्व के किसी क्षण में उन्होंने अपनी आँखें फोड़ ली थीं. 39. उनके विषय में ऐसी कहानी भी मिलती है कि तीव्र अंतर्द्वन्द्व के किसी क्षण में उन्होंने अपनी आँखें फोड़ ली थीं. 40. एक बहुत बढिया पोस्ट! हम सब के वैचारिक अंतर्द्वन्द्व को सामने लाती और जेंडरिंग की प्रक्रिया पर सवाल भी उठाती।