31. पामर की दगाबाजी से उद्वेलित होकर विजयगोविन्द सिंह ने एक कविता बनाई थी, जिसका अंतिम अंश था-‘पामर पामरता दिखलाई।' 32. पामर की दगाबाजी से उद्वेलित होकर विजयगोविन्द सिंह ने एक कविता बनाई थी, जिसका अंतिम अंश था-‘ पामर पामरता दिखलाई। 33. इस कविता का एक छोटा सा और अंतिम अंश देखकर ही इसमें केदार जी के मिजाज का अंदाजा हो जा सकता है। 34. रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा कि बातचीत के शुरूआती और अंतिम अंश मूल टेप से मेल नहीं खाते हैं। 35. जुबां के मामले में यह कविता हिंदी-उर्दू गंगा जमुनी तहजीब को और भी समृद्ध करती है.......कविता का अंतिम अंश जानदार है. 36. पद्मावत के अंतिम अंश (653) के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि उसे लिखते समय तक वे वृद्ध हो चुके थे। 37. पद्मावत के अंतिम अंश (653) के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि उसे लिखते समय तक वे वृद्ध हो चुके थे। 38. नामवर सिंह वाले संस्मरण का सबसे बेहतरीन हिस्सा उसका अंतिम अंश है जहां काशीनाथ सिंह ने नामवर जी के आलोचक रूप का मूल्यांकन किया है. 39. इसका अपवाद प्रथम भाग है, जिसकी पहली कहानी एक राजा के बारे में है, यद्यपि उसके अंतिम अंश में भी एक मंदिर का जिक्र आता है। 40. परंतु अंतिम अंश में सारी प्रेरणा निरर्थक होती दिखाई गई है जो अवसादग्रस्त मन: स्थिति का द्योतक है तथा कविता के सारे ओज पर पानी फेर देता है।