31. अर्गला भाव या ग्रह के फल को निश्चित करती है अर्थात् मजबूती से संभालती है।32. उसमें कवच को बीज, अर्गला को शक्ति तथा कीलक को कीलक संज्ञा दी गई है। 33. उनकी अनगढ़ अर्गला तोड़ कर निर्जन निशा में खुले आकाश के नीचे निकल आया हूँ। 34. उसमें कवच को बीज, अर्गला को शक्ति तथा कीलक को कीलक संज्ञा दी गई है। 35. नारी तुम.... केवल सबला हो निमर्म प्रकृति के फन्दों में झूलती कोई अर्गला हो । 36. फलस्वरूप पश्चिम की सभ्यता एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कपाट की अर्गला खुल गयी है। 37. फलस्वरूप पश्चिम की सभ्यता एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कपाट की अर्गला खुल गयी है। 38. समर्थ लोगों को कवच, अर्गला व स्त्रोत के बाद ही पाठ शुरू करने चाहिए। 39. कवच, अर्गला , कीलक,रहस्य,सूक्त,ध्यान,न्यास यहाँ तक कि अर्चन भी (आवश्यक) नहीं हैं ||२|| 40. अर्गला अर्गला भाव या ग्रह के फल को निश्चित करती है अर्थात् मजबूती से संभालती है।