31. जब अवटुग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है तो शरीर, उर्जा का उपयोग मात्रा से अधिक करने लगता है। 32. अवटुग्रंथि (थायराइड) एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की निचले गर्दन के बीच में होती है।33. अवटुग्रंथि (Thyroid) की वृद्धि, मध्य अंतराल की वर्धित लसाकाग्रंथियाँ, महाधमनी की रोम्यूरिज़्म, परिहृद निस्सारण आदि भी यह दशा उत्पन्न कर सकते हैं।34. यदि अवटुग्रंथि की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है तो लक्षण दिखाई देने से पहले उपचार से यह ठीक हो सकता है। 35. यदि अवटुग्रंथि की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है तो लक्षण दिखाई देने से पहले उपचार से यह ठीक हो सकता है। 36. अत्यधिक आयोडिन कई औषधियों में पाया जाता है जिससे किसी-किसी में अवटुग्रंथि या तो बहुत अधिक या फिर बहुत कम हार्मोन बनाने लगता है। 37. अवटुग्रंथि (थायराइड) को समझना अवटुग्रंथि (थायराइड) एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की निचले गर्दन के बीच में होती है।38. अवटुग्रंथि (थायराइड) को समझना अवटुग्रंथि (थायराइड) एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की निचले गर्दन के बीच में होती है। 39. यदि अवटुग्रंथि की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है, तो लक्षण दिखाई देने से पहले उपचार से यह ठीक भी हो सकती है। 40. अत्यधिक आयोडिन कई औषधियों में पाया जाता है जिससे किसी-किसी में अवटुग्रंथि या तो बहुत अधिक या फिर बहुत कम हार्मोन बनाने लगता है ।