31. इसके पश् चात, आगेका मार्ग पहलेसे भी अधिक कीचडसे भरा था ; परंतु हमारी गाडी उसमें नहीं फंसी । 32. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) यह सबका अनुभव है कि ‘ मैं वही हूँ ', जो बचपनमें था । 33. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) आमके बगीचेमें आमकी गुठली ही वृक्ष बनती है और अन्तमें आमका फल शेष रहता है । 34. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) श्रोता-भगवान् तो माता-पिता है, उनके सामने तो मनुष्य अबोध शिशु ही है । 35. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) वास्तवमें सब कुछ चिन्मय ही है, पर राग-द्वेषके कारण वह जड, लौकिक दीखता है । 36. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) हमारा मनचाहा होता है तो अभिमान आता है और मनचाहा नहीं होता है तो क्रोध आता है । 37. (गत् ब्लोगसे आगेका ) अगर परमात्माकी प्राप्ति करना चाहते हो तो अपनेको स्त्री या पुरुष न मनाकर अपना सम्बन्ध परमात्मके साथ जोड़ो । 38. प्रत्येक दड़बे का आकार १२ " द्१२" द्१४ "का होना चाहिये तथा आगेका मुँह ८-१० इन्च का होना चाहिये ताकि मुर्गी सुगमता से अन्दर जा सके. 39. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) जब योग, ज्ञान और प्रेमका अभिमान (भोग) नहीं रहता, तब साधक मुक्त हो जाता है । 40. (गत् ब्लॉगसे आगेका ) लोग श्रद्धाभावसे मूर्तिकी पूजा करते हैं, स्तुति एवं प्रार्थना करते हैं ; क्योंकि उनको तो मूर्तिमें विशेषता दीखती है ।