31. 27 क्या उकाब तेरी आज्ञा से ऊपर चढ़ जाता है, और ऊंचे स्यान पर अपना घोंसला बनाता है? 32. एम. सी. पांडे देखी है आपने कभी उकाब की स्वच्छंद उड़ान? उससे अच्छा सर्वेक्षक नहीं है। 33. उकाब 3. सफ़ेद रंग का एक प्रकार का जल पक्षी जिसे पड़वा ढेक भी कहते हैं 3.34. तुंदिये वादे मुखालिफ से न घबरा ए उकाब (चील) ये तो चलती हैं तुझे और भी ऊंचा उड़ाने के लिए। 35. मैंने देखी है उकाब की उड़ान चील चक्कर अति लुभावने सर्पिल मोड़ से, उड़ते हुए पर्वतों की ऊँची चोटियों से ऊपर। 36. जिससे हम उकाब की नाई उन आत्मिक ऊंचाइयों को प्राप् त कर सकें, जहां तूफानों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 37. तेरे जाने के बाद एक पक्षी खुले आकाश में उड़ता है उकाब की भांति अंतरिक्षों को चीरता है और खो जाता है। 38. मैंने देखी है उकाब की उड़ान चील चक्कर अति लुभावने सर्पिल मोड़ से, उड़ते हुए पर्वतों की ऊँची चोटियों से ऊपर। 39. विविध रंगरूप, पंखों और पंजों की बनावट वाले चील, उकाब , बाज़ और गिध्द यहां पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं । 40. तेरे जाने के बाद एक पक्षी खुले आकाश में उड़ता है उकाब की भांति अंतरिक्षों को चीरता है और खो जाता है।