31. सच्चाई तो यह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां कमोवेश एक ही थैली के चट्टे बट्टे है या यह कहिए कि मौसेरे भाई है । 32. इनसब कुक्र्त्य मे ऐसा नही की कोई एक राजनितिक दल शामिल है सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे है कोई किसी से कम नही 33. मशीन पर जा के अक्कड़ बक्कड़ कर लें गे...जब सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं तो कोई भी आये क्या फर्क पड़ता है... 34. “ आस्तिक और नास्तिक एक ही थैली के चट्टे बट्टे ” इस आलेख पर मुझे सबसे पहले टिप्पणी मिली आदरणीय दिनेश राय द्विवेदी जी की.. 35. ज्वलंत प्रश्न है..आज पक्ष का नेता हो या विपक्ष का सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं...इसीलिए यह भ्रष्टाचारासुर पनप रहे हैं... 36. अत; लब्बो लुआब यह कि इस आयोजन में लाभान्वित होने वाले और रह गये बड़े नामधारी आदि सभी प्रभुतासम्पन्न एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। 37. और अंदरखाते कांग्रेस और बसपा भी नीतिगत तौर पर उससे कहीं अलग नही है बल्कि कुर्सी की रेस में सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। 38. गिलानी और उमर एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं, एक मस्जिद मे बोलता है, दूसरा असैंबली मं बोलता है और तीसरा अब्दुल्ला दिल्ली में बोलता है। 39. अत ; लब्बो लुआब यह कि इस आयोजन में लाभान्वित होने वाले और रह गये बड़े नामधारी आदि सभी प्रभुतासम्पन्न एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। 40. वहां यह प्रस्ताव क्या रूप लेती है, कहना कठिन है क्योंकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी दल एक ही थैली के चट्टे बट्टे नजर आते हैं.