31. फइबर के विभिन्न हिस्से दबी हुई कंधे की हड्डी पर अलग अलग क्रियाए प्रस्तुत करते है, ऊपरी घूर्णन, उठाने की क्रिया और समीप्कर्ष. 32. ये कंधे की हड्डी के साथ लीवेटर स्केप्युले के घूर्णन के लिए जिम्मेदार है, और साथ ही कंधे की हड्डी के समीप्कर्ष के लिए भी. 33. ये कंधे की हड्डी के साथ लीवेटर स्केप्युले के घूर्णन के लिए जिम्मेदार है, और साथ ही कंधे की हड्डी के समीप्कर्ष के लिए भी. 34. कंधे की हड्डी के मध्यवर्ती सीमा में निवेश करती है, स्कंधासती मेरूदंड से कंधे की हड्डी के निचले कोण के स्तर के चरों ओर35. कंधे की हड्डी के मध्यवर्ती सीमा में निवेश करती है, स्कंधासती मेरूदंड से कंधे की हड्डी के निचले कोण के स्तर के चरों ओर 36. संपुट एक नरम ऊतक का लिफाफा है जो ग्लेनोह्युमरल जोड़ को घेरता है और कंधे की हड्डी , प्रगंडिका और द्विशिरस्क को भी उससे जोड़ता है. 37. संपुट एक नरम ऊतक का लिफाफा है जो ग्लेनोह्युमरल जोड़ को घेरता है और कंधे की हड्डी , प्रगंडिका और द्विशिरस्क को भी उससे जोड़ता है. 38. कंधे की हड्डी दबी हुई हो सकती है जिससे गर्दन और कंधों द्वारा गठित कोण कुंठित होता है, जो झुके हुए कंधो की उपस्थिति देता है.39. छाती की तरफ की आठ पसलियों की सतह पर उत्पन्न होती हैं और कंधे की हड्डी के मध्यवर्ती सीमा की पूरी अग्रस्थ लम्बाई में निवेश करती है. 40. यह मांसपेशी श्वसन में सहायक है, कंधे की हड्डी का मध्यवर्ती घूरना, कंधे की हड्डी की रक्षा करती है,और कंधे की हड्डी को न्यूनतम तरीके से फैलाती है.