31. कछारी , बलुही दोमट तथा चिकनी दोमट मृदा पटसन की कृषि के लिए उपयुक्त है।32. ' बिहु ' शब्द ' दिमसा कछारी ' जनजाति के भाषा से आया है। 33. पर लच्छागिर की जगह पर कछारी मिट्टी फट जाती है और गह्वर बन जाते हैं। 34. मेगन कछारी की कविताओं का असमिया से हिन्दी में अनुवाद दिनकर कुमार ने किया है। 35. समतल बोवनी हल्की से मध्यम सुनिथार बलुही दुमट, दुमट या कछारी मिट्टी में की जाती है। 36. मिट्टी-तम्बाकू के लिए गहरी दोमट अथवा मिश्रित लाल व कछारी मिट्टी उपयुक्त रहती है। 37. कछारी , बलुही दोमट तथा चिकनी दोमट मृदा पटसन की कृषि के लिए उपयुक् त है।38. नदी या तालाब के किनारे वाली कछारी भूमि वास्तव में खेतीबाडी के लिए सब से उपयुक्त है; 39. समतल बोवनी हल्की से मध्यम सुनिथार बलुही दुमट, दुमट या कछारी मिट्टी में की जाती है। 40. भूमि का चुनाव पानी का अच्छा निकास, हल्की से मध्यम रेतीली कछारी या दुमट भूमि उपयुक्त है।