31. कटि स्नान और नेचुरोपैथी के तरीक़े से उपवास करने वाले इसका मज़ा अल्फ़ाज़ में नहीं बता पाते।32. कटि स्नान -रोगी प्रतिदिन नियमित रूप से ठण्डे जल के टब में लगभग 10 मिनट बैठें।33. इस कटि स्नान में नाभि के नीचे से लेकर जांघ आदि निचले अंगों को धोया जाता है। 34. इस स्नान को कटि स्नान , पेड़ू स्नान, उदर स्नान आदि नामों से जाना जाता है। 35. कटि स्नान के बाद पूर्ण स्नान करने के बाद तौलिया से शरीर को पोंछ कर कपड़े पहन लें।36. इसलिए जब कटि स्नान कहा जाता है तो उसे कमर के नीचे का स्नान मान लिया जाता है। 37. कटि स्नान , पैर का गर्म स्नान, रीढ का स्नान, गीली चादर का बंधन स्नान आदि।38. 2. कटि स्नान : इसके लिए व्यक्ति को अलग-अलग तापमान के पानी में बिठाया जाता है। 39. कटि स्नान ऐसी जगह में करना चाहिए, जहाँ पर ठंडी हवा के झोंके न आ रहे हों |40. 2. कटि स्नान : इसके लिए व्यक्ति को अलग-अलग तापमान के पानी में बिठाया जाता है।