जैपुरी-हाड़ौती में ' नै' परसर्ग का प्रयोग कर्मवाच्य भूतकालिक कर्ता के अतिरिक्त चेतन कर्म तथा संप्रदान के रूप में भी पाया जाता है-'छोरा नै छोरी मारी' (लड़के ने लड़की मारी); 'म्हूँ छोरा नै मारस्यूँ' (मैं लड़के को पीटूँगा;-चेतन कर्म); 'यो लाडू छोरा नै दे दो' (यह लड्डू लड़के को दे दो-संप्रदान)।
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(8) जैपुरी-हाड़ौती में “नै” परसर्ग का प्रयोग कर्मवाच्य भूतकालिक कर्ता के अतिरिक्त चेतन कर्म तथा संप्रदान के रूप में भी पाया जाता है-“छोरा नै छोरी मारी” (लड़के ने लड़की मारी); “म्हूँ छोरा नै मारस्यँू” (मैं लड़के को पीटूँगा;-चेतन कर्म); “यो लाडू छोरा नै दे दो” (यह लड्डू लड़के को दे दो-संप्रदान)।
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बिहारियों की भाषा में कर्तृवाच्य की जगह कर्मवाच्य (एक्टिव वॉयस की जगह पैसिव वॉयस) का प्रयोग भी ऐसी ही एक चीज है-'आया जाय, खाया जाय, बैठा जाय' बोलने की परंपरा पुरानी है और कहीं न कहीं अहं को महत्त्व न देने, उसे तिरोहित करने और दूसरों को सम्मान देने से जुड़ी है।
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बिहारियों की भाषा में कर्तृवाच्य की जगह कर्मवाच्य (एक्टिव वॉयस की जगह पैसिव वॉयस) का प्रयोग भी ऐसी ही एक चीज है-' आया जाय, खाया जाय, बैठा जाय ' बोलने की परंपरा पुरानी है और कहीं न कहीं अहं को महत्त्व न देने, उसे तिरोहित करने और दूसरों को सम्मान देने से जुड़ी है।
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' एक विद्वान की सम्मति है कि यह ' ने ' वास्तव में करण कारक का चिद्द है, जो हिन्दी में गृहीत कर्मवाच्य रूप के कारण आया है, संस्कृत में करण कारक का ' इन ' प्राकृत में ' एण ' हो जाता है, इसी ' इन ' का वर्ण विपरीत हिन्दी रूप में ' ने ' है।
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सच्चाई यह है कि जब कर्त्ता वाक्य का अपरिहार्य अंग हो अर्थात् उसके बिना वाक्य अधूरा लगे तो कथन-प्रकार कर्तृवाच्य होगा, जब कर्त्ता के बिना अथवा कर्त्ता के सक्रिय सहयोग के बिना कर्म अपने बल-बूते पर वाक्य को पूर्णता प्रदान करने में सक्षम होता है तो कथन प्रकार कर्मवाच्य होता है और जब क्रिया बिना कर्त्ता के या बिना कर्त्ता के सक्रिय सहयोग के वाक्य को अपने बल पर पूर्णता प्रदान करती है तो कथन-प्रकार भाववाच्य होता है।
कर्मवाच्य sentences in Hindi. What are the example sentences for कर्मवाच्य? कर्मवाच्य English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.