31. तमाशाई क़ुरबान अली को अपने अब्बू की कही दास्तान याद हो आई । 32. नाज़ुक हैं बहुत पांव में पड़ जाएंगे छाले क़ुरबान मैं, ऐ राहे-नज़फ़ पूछने वाले. 33. नाज़ुक हैं बहुत पांव में पड़ जाएंगे छाले क़ुरबान मैं, ऐ राहे-नज़फ़ पूछने वाले. 34. अपने मज़हब पर मेरे मां बाप क़ुरबान , मेरी जवानी मेरी ज़िन्दगी सब कुछ क़ुरबान्। 35. नाज़ुक हैं बहुत पांव में पड़ जाएंगे छाले क़ुरबान मैं, ऐ राहे-नज़फ़ पूछने वाले 36. अपने मज़हब पर मेरे मां बाप क़ुरबान , मेरी जवानी मेरी ज़िन्दगी सब कुछ क़ुरबान्। 37. क्या इसे किसी एक नाम को बचाने पर क़ुरबान किया जा सकता है? 38. उन्हें मालूम था कि कामयाबी इसी में है कि अपनों को क़ुरबान कर दिया जाए। 39. ● मुस्लिम पक्ष क़ुरबानी, ईशमार्ग में यथा-अवसर आवश्यकता पड़ने पर अपना सब कुछ क़ुरबान ( 40. आज देश के नाम पर क़ुरबान होने वाले क्रांतिकारियों को कोई याद नहीं करता है.