31. भारतीय काल-गणना की पद्धति सर्वाधिक सूक्ष्म होने के साथ प्रकृति से पूर्ण सामंजस्य रखती है। 32. भारतीय काल-गणना के अनुसार वर्तमान विक्रम संवत् 2064तक कलियुग के 5108वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। 33. काल-गणना में कल्प, मन्वन्तर, युग आदि के पश्चात संवत्सर का नाम आता है।34. काल-गणना के अंतर्गत, इसी क्रम में एक गणना 'अयन' के संबंध में भी की जाती है।35. विष्णु पुराण के अनुसार काल-गणना विभाग, विष्णु पुराण भाग १, तॄतीय अध्याय के अनुसार: 36. पहली जनवरी से शुरू होने वाली काल-गणना को हम ईस्वी यानी सन् के नाम से जानते हैं। 37. हिन्दू धर्मग्रन्थों में निर्दिष्ट काल-गणना के अनुसार यह समय त्रेतायुगका है, जिसमें भगवान श्रीराम का अवतार हुआ था। 38. स्वाभाविक है कि संपूर्ण दैनंदिनी तिथिबध्दता में है, पर मात्र इतने से तो काल-गणना सीमित नहीं हो जाती। 39. मेक्सिको में दिया दे लॉस मोरता की तारीखें-पहली और दूसरी नवंबर-पारंपरिक आज्तेक काल-गणना पर ही आधारित हैं। 40. हिन्दू धर्मग्रन्थों में निर्दिष्ट काल-गणना के अनुसार यह समय त्रेतायुगका है, जिसमें भगवान श्रीराम का अवतार हुआ था।