ऐसे में, व्यापक स्त्री समुदाय के जीवन, संघर्ष और स्वप्नों से कोसों दूर ऐश्वर्य द्वीप की निवासिनी विश्वविद्यालयी विदुषियाँ स्त्री देह में स्त्री प्रश्न का कीलन कर रही हैं, पाखण्डपूर्ण बुद्धिविलास कर रही हैं और साथ ही, “ रसिक-जनों ” का काफी मनोरंजन भी कर रही हैं।
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मैं कई लोगों को जो मजदूरी कीलन के वर्ष के माध्यम से इंतजार वे जीने की बढ़ती लागत के साथ कम से कम सकता पकड़े गए, जबकि लोग हैं, जो और अधिक हाल ही में काम पर रखा गया है एक अनिवार्य वेतन वृद्धि हो रही हो सकता है इच्छुक जानता हूँ.
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^ कीलन परिसर के आसपास के भवनों के छतों के किनारों के नकाशी संगमरमर जडित है, इन पर बड़े रोमन अक्षरों में अरस्तु, न्यूटन, पाश्चर, ळवोइसिएर, फैराडे, आर्किमिडीज, डा विंची, डारविन, और कोपर्निकस के नाम खुदी हुई है, प्रत्येक के नामों के साथ इनके समूह से जुड़े नाम छोटे अक्षरों में सलीके से लिखे है.
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मंत्रो के कीलन और उत्कीलन का जानकार मुझे डॉ बाली से बेहतर कोई नहीं लगा! मेरे कहने का अर्थ ये नहीं की सिर्फ डॉ बाली ही ये सब जानते हैं लेकिन इन्टरनेट पर आने वाले लोगो में यदि कोई जानकारी वाला व्यक्ति लगा तो सिर्फ कुछ लोग ही लगे जिनमे डॉ बाली का नाम सबसे ऊपर है!
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सन्दर्भ मे पहली बार रोज़ी निखिल जी ने एक साधना क्रम हमारे सामने रखा हैं वह हमारे ब्लॉग मे भी उपलब्ध हैं) उसके बिना हम सभी कितनी कितनी बार साधना कर चुके इस सन्दर्भ मे.पर हमें मालूम ही नही था.की यह कीलन प्रक्रिया भी एक आवश्यक क्रिया हैं और बिना इसके सफलता की आशा करना....??
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निश्चित यक्षिणी सायुज्य पारद गुटिका इसके अतिरिक्त स्वयं के हाथो से या गुरु के द्वारा निर्मित यक्षिणी का चित्र या विग्रह भी पास में होना चाहिए, इससे ध्यान में अनुकूलता मिलती है.यक्षिणी साधना में यक्षिणी कीलन की गोपनीय क्रिया भी की जाती है,इस क्रिया में भोजपत्र या सफ़ेद कागज पर त्रिगंध से यक्षिणी का लघु चित्र या यन्त्र बनाया जाता है और उस चित्र के मध्य में मूल मंत्र लिखा जाता है.
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तथा भक्ति मार्ग द्वारा यह निर्देश दिए मानस की प्रत्येक चौपाई, दोहा, सोरठा छंद सभी अपने आप में मन्त्र का रूप है जो कि कभी कीलित नहीं है अन्य मंत्रो में कीलन आदि कई प्रकार के शाप आदि बाधाए है लेकिन श्री राम चरित मानस में सरल भाषा का प्रयोग कर हम अपने जीवन का अभाव की पूर्ति कर सकने में समर्थ होते है श्री राम चरित मानस में वर्णित मन्त्र आज लिख रहा हूं......
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वृत्त या गोलाकार रूप में और ये क्रिया साधना के प्रारंभ में की जाती है तथा मंत्र लिखते समय जब आप मंत्र के अक्षरों को लिखते हो तो उस अक्षर पर २१ बार मूल मंत्र को जप कर अनामिका अंगुली का स्पर्श करना चाहिए, ये क्रम अंतिम अक्षर तक रहता है.ये क्रिया कीलन कहलाती है और इस क्रिया के द्वारा यक्षिणी को साधक अपने मन्त्रों से कीलित या बांध लेता है.और यक्षिणी को प्रत्यक्ष होने और सिद्धि देने के लिए बाध्य होना पड़ता है.
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योगिनी अब संन्यासी के शरीर का स्पर्श नहीं कर सकती थि, क्यूंकि साधना जगत मे अगर किसी व्यक्ति का रजतरज्जू टूट जाए और शरीर मे प्राण उर्जा हो तो कोई भी स्त्री अगर उस शरीर को स्पर्श करे तो स्त्री के ऋणआयाम रजतरज्जू को खिंच के शरीर के धन आयाम के साथ जोड़ देता है, लेकिन अगर योगिनी ऐसा करती है तो संन्यासी के किये गए प्रयोग से कीलन और स्तम्भन का प्रयोग निष्क्रिय हो जाएगा और संन्यासी आसानी से उस कसबे के बाहर चला जाएगा...
कीलन sentences in Hindi. What are the example sentences for कीलन? कीलन English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.