31. नये कीर्ति स्तम्भखुदवाकर नये कीलाक्षर वृत्तखंडों मेंबंधी हुई आत्मा लिएखोदता हूँ उखड़ती साँसों मेंअपनी बू अपनी घिन निरंतर 32. आज भी सारस्वत सभ्यता अनेक रहस्यों से घिरी है, उनमें सबसे जटिल उनकी ' कीलाक्षर लिपि ' है। 33. कीलाक्षर (सं.) [सं-पु.] ईरान, बेबीलोन आदि देशों में प्रचलित एक प्राचीन लिपि।34. व्यापार में अभिलेख आवश्यक थे, इसलिए कीलाक्षर लिपि से एक नई २२ अक्षरों की व्यंजन वर्णमाला विकसित की। 35. का प्रदर्शनबनवाकर नये कीर्ति स्तम्भखुदवाकर नये कीलाक्षर वृत्तखंडों मेंबंधी हुई आत्मा लिएखोदता हूँ उखड़ती साँसों मेंअपनी बू अपनी घिन निरंतर 36. अनातोलिया के निकट बोगाजकोइ से, जो हित्ती राजाओं की राजधानी थी, कीलाक्षर इष्टिकाओं में सुरक्षित कुछ अभिलेख मिले हैं। 37. गीली मिट्टी की पटिया पर कील जैसे औज़ार से गोद कर लिखी जाने वाली इस लिपि को कीलाक्षर लिपि कहते हैं. 38. जहाँ कांस्य युग के शुरू में कोई १००० कीलाक्षर चिह्न थे यह कांस्य युग के अंत तक घटकर केवल ४०० रह गए। 39. गीली मिट्टी की पटिया पर कील जैसे औज़ार से गोद कर लिखी जाने वाली इस लिपि को कीलाक्षर लिपि कहते हैं. 40. इन लेखों की लिपि, पेटिकाशीर्ष और कीलाक्षर में विकसित ब्राह्मी, कुटिल या आरंभिक नागरी है, लेखों की भाषा लगभग शुद्ध संस्कृत है।