31. चूँकि कृष्णिका आदर्श अवशोषक होती है इसलिए हर वस्तु इस स्तर को प्राप्त नहीं कर सकती । 32. चूँकि कृष्णिका आदर्श अवशोषक होती है इसलिए हर वस्तु इस स्तर को प्राप्त नहीं कर सकती । 33. वर्णक्रमीय दीप्ति के लिए स्रोत आधारित प्राथमिक मानक, ‘चर तापमान कृष्णिका ' भी स्थापित किया गया है। 34. खगोल विज्ञान में तारों जैसे पिंडों को अक्सर कृष्णिका माना जाता है, हालांकि यह एक कमजोर सन्निकटन है. 35. आखिर इस समस्या का हल 1901 में मैक्स प्लैंक द्वारा कृष्णिका विकिरण के प्लैंक नियम द्वारा किया गया. 36. जैसे-जैसे तापमान कम होता है, कृष्णिका का विकिरण कर्व कम तीव्रता और लंबे तरंगदैर्घ्य की ओर बढ़ता है. 37. के प्रति ईकाई समय में अवशोषित प्रकाश ऊर्जा अनिवार्य रूप से कृष्णिका के कर्व के अनुपात में होती है. 38. 19 वीं सदी के उत्तरार्द्ध के दौरान सैद्धांतिक भौतिकी में कृष्णिका के घुमाव की गणना एक प्रमुख चुनौती थी. 39. कृष्णिका का विकिरण एक खास तापमान में कृष्णिका के साथ सौर संतुलन और प्रकाश विकिरण का प्रकाश होता है.40. कृष्णिका का विकिरण एक खास तापमान में कृष्णिका के साथ सौर संतुलन और प्रकाश विकिरण का प्रकाश होता है.