31. अब वैज्ञानिक कृष्ण विवर के अति निकट तथा बाहरी क्षेत्रों के विकिरणों में भेद कर सकते हैं। 32. इन से नई जानकारी मिल सकती है कि यह केन्द्रीय कृष्ण विवर तंत्र किस तरह कार्य करते हैं। 33. इस कृष्ण विवर का हमारे पास प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है, किन्तु संकेत निश्चित हैं और विश्वसनीय हैं। 34. अतिनिकट के क्षेत्रों में ही तो कृष्ण विवर पदार्थों का भक्षण करता है, जिसे देखा जा सकता है। 35. कृष्ण के जन्म के समय भयंकर घटनाएं होती हैं, चाहे वे कृष्ण वासुदेव हों या कृष्ण विवर हों। 36. कथा ' चेतना तरंगे ' कृष्ण विवर , उसके ब्रह्माण्ड तथा उसके पार के ब्रह्मांडों पर आधारित है. 37. केवल कृष्ण विवर तथा ब्रह्माण्ड के जन्म को समझने वाले पारखी ही इस कथा को लिख सकते है. 38. उगते सूरज को सलाम करने की प्रवृत्ति भले उसमें कितने ही कृष्ण विवर हों, यहीं से आती है। 39. शून्य से विराट और विराट से शून्य की अनुलोम-प्रतिलोम गति. कहीं कोई कृष्ण विवर बन रहा है...... 40. खगोलशास्त्री मानते हैं कि कृष्ण विवर ब्राह्मड के उद्भव और अंत के संबंध में हमें जानकारी दे सकते हैं।