31. 2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण-जिस क्रिया-विशेषण शब्द द्वारा क्रिया के होने के स्थान का बोध हो वह स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। 32. 2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण-जिस क्रिया-विशेषण शब्द द्वारा क्रिया के होने के स्थान का बोध हो वह स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। 33. संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा क्रिया-विशेषण का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र रूप से होता है इसलिए ये पद हैं। 34. विशेष-इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते हैं। 35. मनहूस के मूल में अरबी क्रिया-विशेषण नह्स / नहूसा है जिसका अर्थ है अशुभ, दुर्भाग्यशाली, अपशकुन आदि । 36. 3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य-जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है। 37. 3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य-जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है। 38. अध्याय 13 1. कालवाचक क्रिया-विशेषण-जिस क्रिया-विशेषण शब्द से कार्य के होने का समय ज्ञात हो वह कालवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। 39. अध्याय 13 1. कालवाचक क्रिया-विशेषण-जिस क्रिया-विशेषण शब्द से कार्य के होने का समय ज्ञात हो वह कालवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। 40. अंग्रेज़ी में यह रूप एक क्रियाभाव द्योतक, क्रियाभाव द्योतक कहावत या क्रियाभाव द्योतक क्रिया-विशेषण जोड़ने से अभिव्यक्त किये जाते हैं.