31. ‘गोबर दे बछरू गोबर दे, चारो खूंट ला लीपन दे, चारो देरनियां ला बईठन दे ।‘ 32. वर्तमान उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले के खूंट (धामस) नामक गाँव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 33. लेकिन, बीच-बीच में वो अपनी लुंगी के एक खूंट को उठाकर मुंह में भर रहा था। 34. तो वो जब जहां मिलतीं, मैं उनके आसपास किसी चेहरे की खूंट तलाशता टंग जाने के लि ए. 35. गोबर दे बछरू गोबर दे, चारो खूंट ला लीपन दे, चारो देरनियां ला बईठन दे । ‘ 36. मकान मालिक चौरसिया बात-बात पर अपनी बीवी पर चिल्लाता रहता था, ‘ कुतिया के कान में खूंट पड़ी है। 37. फिर गाय, कुत्ते और कव्वों को खिलाने के लिए खूंट की पूरियां और भोग की थाली बच्चों को दी जाएगी। 38. औरतें गांवों की बहू-बेटियों के गोदने गोदती, बच्चेलोगों के कान के खूंट निकालते टूटे-फूटे फिल्मी गीत गाकर गांवो में भीख माँगते. 39. ....२०-२५ वर्ष पहले तक यहाँ पीपल खूंट का जंगल इतना घना था कि सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पंहुचती थी. 40. उनकी ज्यादातर बातें भैणचो के कसैलेपन या अविश्वास के खूंट में बंधी मां कसम से शुरू या खत्म होती थीं...