31. जहां पर मंगल कलश रखा था उसके उधर से एक चींटा गुड की गंध पाकर टहलता घूमता चला। 32. यह धन आदमी को चींटा बनाकर कहाँ और किस तरह दबोचेगा, यह गाफिल आदमी को पता नहीं है। 33. नीचे से कोई चींटा महुए के पेड़ पर चढ़ता तो लगता शिवपुर स्टेशन से गुजरती एक गाड़ी चली है। 34. उदाहरण स्वरूप जैसे भृंगी (पंख वाला चींटा जो दीवाल खिङकी आदि पर मिट्टी का घर बनाता है । 35. चींटा महाद्वीप को खंड खंड ही देख सकता है इसलिए उसे समतल समझता है अपनी छोटी दृष्टि के कारण।36. श्रीकृष्ण रहस्यमय ढंग से हँसते हुये अपनी पत्नी से कहते हैं-ये चींटा (जो नीचे जमीन पर 37. पंखों वाला चींटा ) अपने (शब्द की गुंजार हूँऽऽ हूँऽऽ से) समान शक्तिशाली बना देता है । 38. उससे भी बड़ी जो, हर जगह लाइन बनाये चलती दिखाई देती हैं,अन्त मे चींटा -खूब बड़ा,ऊँचा-पूरा,उसे आप सब जानते हैं।। 39. बापू ने कुछ देर सोचकर कहा-तुमने शुद्ध मन से, मात्र चींटा को हटाने के लिए ही अंगुली से छिटका था। 40. सहसा उन्हें मालतीजी की साड़ी पर एक चींटा चलता हुआ दिखा, साड़ी पर कहना स्थिति की गलत बयानी ही कही जाएगी।