31. यह अवस्था प्रकट होने के 3-4 दिन बाद ही जरायु से योनिद्वार होकर एक तरह का स्राव निकलने लगता है। 32. आमाशय, दिल, फेफड़ों, गुर्दे, गुदा, गर्भाशय (जरायु ), आंतों को इसके सेवन से 33. २ गुना बढ़ गये. ये नतीजे रिसर्चरों ने अमरीकी जरायु -विज्ञान संघ की वार्षिक विज्ञान बैठक में प्रस्तुत किये थे. 34. यह अवस्था प्रकट होने के 3-4 दिन बाद ही जरायु से यो निद्वार होकर एक तरह का स्राव निकलने लगता है। 35. भेजरी नामक किस्म का प्रयोग प्रसव के बाद जरायु (प्लेसेंटा) को जल्दी निकालने के लिए गायों को गुड़ के साथ खिलाया जाता है. 36. जरायु ग्रीव के कैंसर रोग में आर्स आयोड औषधि की 3 x मात्रा या पल्स औषधि की 3 x मात्रा का प्रयोग किया जाता है।37. किसी होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लें या निम्नलिखित दवाई का प्रयोग करें-सीपिया-30: जरायु से संबंधित रोगों व बन्ध्यत्व के लिए यह मुख्य औषधि है। 38. गाय के जरायु (प्लेसेंटा) को बाहर निकलने से रोकने के लिये प्रसव के बाद अलसी और गुड़ के साथ भेजरी नामक औषधीय धान खिलाया जाता है। 39. इस तरह का दर्द अधिकतर जरायु एवं डिम्बकोषों के रोग से सम्बंधित होता है और यह दर्द सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त के साथ समाप्त होता है। 40. गाय के जरायु (प्लेसेंटा) को बाहर निकलने से रोकने के लिये प्रसव के बाद अलसी और गु ड़ के साथ भेजरी नामक औ षधीय धान खिलाया जाता है।