-लखेश चंद्रवंशी जाग कवि अब जाग कवि जाग कवि अब जाग कवि खो गया प्रकाश छुप गया रवि || शांत धरा है मौन गगन, आलस फैलाता नीरस पवन | रुष्ट मुकुल कुम्हलाये सुमन, जलहीन है अतृप्त चमन | शांत धरा …
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शबरी को संबोधित करते हुए वह कहते हैं कि जाति, पाँति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन, बल, कुटुम्ब, गुण और चतुरता-इन सबके होने पर भी भक्ति भाव से रहित मनुष्य कैसा लागता है जैसे जलहीन बदल दिखाई पड़ता है.
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इससे भी कम आभास उन्हें इस बात का था कि अपने कार्य द्वारा वे अपने पर्वतीय स्रोतों को वर्ष के अधिक भाग के लिये जलहीन बना रहे हैं और साथ ही इन स्रोतों के लिये यह सम्भव बना रहे हैं कि वे वर्षाऋतु में मैदान में और भी भयावह बाढ़ें लाया करें...
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इस से भी कम आभास उन्हें इस बात का था कि अपने कार्य द्वारा वे अपने पर्वतीय स्रोतों को वर्ष के अधिक भाग के लिए जलहीन बना रहे हैं तथा साथ ही इन स्रोतों के लिए यह सम्भव बना रहे हैं कि वे वर्षा ऋतु में मैदानों में और भी अधिक भयानक बाढ़ें लाया करें।
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दो कविताएँ नींद की गोली न जाने किस पदार्थ किस रसायन और किस विश्वास के साथ बनी है ये कि इसे खाने पर कुछ ही देर बाद सफ़ेद जलहीन बादलों की तरह झूटा दिलासा लिए तैरती आती है नींद लेकिन जारी रहता है दुनिया का सुनाई पड़ना आसपास होती हरक़तों का महसूस होना जारी रहता [...]
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दो कविताएँ नींद की गोली न जाने किस पदार्थ किस रसायन और किस विश्वास के साथ बनी है ये कि इसे खाने पर कुछ ही देर बाद सफ़ेद जलहीन बादलों की तरह झूटा दिलासा लिए तैरती आती है नींद लेकिन जारी रहता है दुनिया का सुनाई पड़ना आसपास होती हरक़तों का महसूस होना जारी रहता [...]
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कठिन प्रयास करने से संभव है कि कोई बालू से भी तेल निकाल सके, पूर्णतः जलहीन मरुस्थलीय क्षेत्र में दृश्यमान मृगमरीचिका में भी उसके लिए जल पाकर प्यास बुझाना मुमकिन हो जावे, और घूमते-खोजने अंततः उसे खरगोश के सिर पर सींग भी मिल जावे, परंतु दुराग्रह-ग्रस्त मूर्ख को संतुष्ट कर पाना उसके लिए संभव नहीं ।
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उस समय शोकग्रस्त सीता की दशा ऐसी हो रही थी जैसी धूमकेतु से ग्रसित रोहणी की, राहु से ग्रसित पूर्णिमा की रात्रि की, सेनापति रहित समर भूमि में सेना की, जलहीन नदी की, चाण्डालों से अपवित्र की गई यज्ञ वेदी की, बुझी हुई दीपशिखा की तथा समूल उखाड़ी गई कमलिनी की होती है।
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अर्थः कठिन प्रयास करने से संभव है कि कोई बालू से भी तेल निकाल सके, पूर्णतः जलहीन मरुस्थलीय क्षेत्र में दृश्यमान मृगमरीचिका में भी उसके लिए जल पाकर प्यास बुझाना मुमकिन हो जावे, और घूमते-खोजने अंततः उसे खरगोश के सिर पर सींग भी मिल जावे, परंतु दुराग्रह-ग्रस्त मूर्ख को संतुष्ट कर पाना उसके लिए संभव नहीं ।
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इस प्रसंग के शुरू में ही श्री राम ने साफ शब्दों में कहा है कि मैं सिर्फ़ एक भक्ति का ही सम्बन्ध जनता हूँ॥ जाती, पाती, कुल, धर्म, बड़ाई, धन, बल, कुटुंब, गुण और चतुरता-इन सबके होने पर भी भक्ति रहित मनुष्य कैसा लगता है जैसे जलहीन बादल (शोभाहीन) दिखाई देता है॥
जलहीन sentences in Hindi. What are the example sentences for जलहीन? जलहीन English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.