31. ये जैव उर्वरक कृषक भारती सेवा केन्द्रों एवं सहकारी समितियों से प्राप्त किये जा सकते हैं। 32. जैव उर्वरक कार्बन पर आधारित होते हैं तथा पत्तियों, गोबर एवं पौधों के यौगिक होते हैं।33. जैव उर्वरक कार्बन पर आधारित होते हैं तथा पत्तियों, गोबर एवं पौधों के यौगिक होते हैं।34. पांच प्रतिशत नील हरित शैवाल युक्त मिट्टी आजकल जैव उर्वरक के रूप में उपयोग की जाती है। 35. इन की मदद करना जैव उर्वरक के विकास और अपने बगीचे में पौधों के स्वास्थ्य बढ़ाने के लिए. 36. हजीरा संयंत्र में अगस्त 1995 में 100 मी. टन प्रतिवर्ष की क्षमता वाला जैव उर्वरक संयंत्र चालू किया गया। 37. यह शैवाल अब व्यापारिक स्तर पर उगाकर, सुखाकर, पैकटों में जैव उर्वरक की तरह बेची जाती है । 38. जैव उर्वरक कार्बन पर आधारित होते हैं, जिनमें पत्तियों और गोबर के यौगिक शामिल होते हैं.39. इस संदर्भ में जैव उर्वरक उत्पादकता बढा़ने के सस्ते, दोबारा इस्तेमाल योग्य और सुरक्षित स्रोत माने गए हैं। 40. एक किलो बीज के शोधन के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा और फोरफोरस प्रदायी जैव उर्वरक का उपयोग करें।