31. जिसका संस्कृत अर्थ होता है “राजा तक्ष के लिए ” रामायण के अनुसार तक्ष, भरत और माण्डवी का पुत्र था । 32. जिसका संस्कृत अर्थ होता है “राजा तक्ष के लिए ” रामायण के अनुसार तक्ष , भरत और माण्डवी का पुत्र था । 33. योग्य, चतुर और कुशल होता है, वहीं तक्ष का अर्थ किसी चीज़ को बनाना, निर्माण करना और रचना है। 34. सम्भव है तक्ष से ही फ़ारसी का ताक बना हो और मेहराब के अर्थ में अरबी ने भी इसे आज़माया हो । 35. जिस तरह वैदिक तक्ष से बरास्ता अवेस्ता तख्त बनता है उसी तरह वैदिक तक्ष का एक रूप तष्ट भी बनता है । 36. जिस तरह वैदिक तक्ष से बरास्ता अवेस्ता तख्त बनता है उसी तरह वैदिक तक्ष का एक रूप तष्ट भी बनता है । 37. रामायण में इसे भरत द्वारा राजकुमार तक्ष के नाम पर स्थापित बताया गया है, जो यहाँ का शासक नियुक्त किया गया था। 38. कहते हैं कि भरत, जिनके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा, अपने पुत्र तक्ष के लिए यह नगर बसाया था। 39. (महाभारत-1.3.20) इस प्रकार देखा जाय तो भरत के पुत्र तक्ष के नाम पर इस नगर को बसाया गया। 40. सम्भव है तक्ष से ही फ़ारसी का ताक बना हो और मेहराब के अर्थ में अरबी ने भी इसे आज़माया हो ।