31. ' पशुभाव ' का पालन करनेवाला नित्य हविष्यान्न खाए, ताम्बूल को छुए भी नहीं । 32. ताम्बूल का त्याग करने से मनुष्य भोग-सामग्री से सम्पन्न होता है और उसका कंठ सुरीला होता है।33. मुख प्रक्षालक सौंफ इलायची ताम्बूल का पत्ता लॉन्ग दाल चीनी को लोग लगभग भूल चुके हैं. 34. व्रत के समय बार-बार जल पीने, दिनमें सोने, ताम्बूल चबाने और स्त्री-सहवास करनेसे व्रत बिगड जाता है। 35. नारियल तथा ऋतु फल अर्पण करें. ताम्बूल (सुपारी) चढ़ावें. दक्षिणा द्रव्य चढ़ावें. 36. ताम्बूल यह सब जागरणकाल में भगवान को समर्पित किया जाय तो उससे अक्षय पुण्य होता है ।37. इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों का मोहन होता है। 38. ताम्बूल के साथ उपयोग किये जाने वाले कत्था, चूना तथा सुपारी की मात्रा संतुलित होनी चाहिए।39. व्रत करने वालों को गंध, पुष्प, धूप दीप, ताम्बूल सहित विष्णु भगवान की षोड्षोपचार से पूजन करना चाहिए। 40. व्रत करने वालों को गंध, पुष्प, धूप दीप, ताम्बूल सहित विष्णु भगवान की षोड्षोपचार से पूजन करना चाहिए.