31. (एक ही चन्द्रमा अंधकार को हर लेता है, किन्तु असंखय तारागण नहीं) 32. आकाश के नीचे समुद्र में तारागण पानी के बुलबुलों की भाँति मिटते 33. तारागण की आज तक किसी कवि ने देवात्माओं से उपमा नहीं दी है।34. आकाश के नीचे समुद्र में तारागण पानी के बुलबुलों की भाँति मिटते जाते थे। 35. तारागण मुस्काते हों और सौंदर्य विस्मित बने रहो सच के साथी कुछ पल छोटे...36. जैसे जब सूर्य उदय होता है तो अन्य नक्षत्र एवं तारागण प्रभावहीन हो जाते हैं। 37. वाह, तारागण से तरेगना तक और गर्व से प्राउड तक-केवल १५१० साल में? 38. देखो, हिन्दी में तारागण कम हैं लेकिन उनका प्रकाशपुञ्ज...!प्रत्युत्तर देंहटाएंडॉ.अनुरागसोमवार, 14 दिसम्बर 2009 12:11:00 39. कि “मैं परम पुरुष (पुरुषोतम) हौं, मैं सूर्य और तारागण के प्रकाश की पहुँच से भी 40. मनुष्य-लोक के सूर्य तथा तारागण के पार आकाश तत्व के भी पार एक सूक्ष्म लोक है