31. हमारा तो आविर्भाव (जन्म) तथा तिरोभाव (मृत्यु) होती है। 32. हमारा आविर्भाव (जन्म) और तिरोभाव (मृत्यु) हुआ करता है। 33. सन् 1608 के पौष मास की शुक्ला तृतीया के दिन उनका तिरोभाव हुआ। 34. वे जन्म-मृत्यु से रहित नित्यरूपधारीहैं, जिनका निज इच्छा से आविर्भाव अथवा तिरोभाव संभव है। 35. परिणामतः अस्तित्ववाद के उभाव के साथ ही तत्वमीमांसीय दर्शन का तिरोभाव होना प्रारम्भ हुआ। 36. तिरोभाव की स्थिति में जगत् अपने कारण रूप ब्रह्म में अव्यक्तावस्था में लीन रहता है।37. कुबेर जी मनुष्य के अधिकार के अनुरूप कोष का प्रादुर्भाव या तिरोभाव कर देते हैं। 38. 1. इस नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने वाला जातक तिरोभाव के मार्ग( 39. पाँचों मुखों में पाँच प्रकार की शक्तियाँ हैं-सृष्टि, स्थिति, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह्। 40. इनके पाँच अवतार पाँच प्रमुख कार्यो-सृष्टि, पालन, संहार, तिरोभाव तथा अनुग्रह को दर्शाते हैं।