31. यह सच है कि मनुष्यों के देहत्याग के उपरान्त मात्र धर्म ही साथ रहता है। 32. जब रियोनेन के देहत्याग करने का समय निकट आया तो उसने एक कविता में लिखा: 33. उनका देहत्याग तो एक भ्रान्ति है, हम तीनों पुरुष रूप में उन्हीं की मूर्ति हैं। 34. जब ऐशुन साठ वर्ष की हो गयी तो उसने देहत्याग करने का निश्चय कर लिया. 35. देहत्याग के वक्त इसी ममता के कारण उन्हें दूसरे जन्म में मृग होना पडा था ।36. ऐसा साधक देहत्याग के बाद कुछ समय तक उत्तम व पुण्यवान लोक में रहता हैं । 37. योग-मृत्यु: प्राचीन काल में ब्राह्मण और उसी प्रकार क्षत्रिय भी योग द्वारा देहत्याग करते थे। 38. मकर संक्रांति पर जब सूर्य मकर राशि में आकर उत्तरायण हुआ, तब उन्होंने देहत्याग किया। 39. हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, जो मनुष्य काशी में देहत्याग करता है सीधे मोक्ष को प्राप्त होता है। 40. संस्कृत ग्रंथों में देहत्याग के अर्थ में आत्महत्या शब्द उपयोग किया हुआ कहीं भी उपलब्ध नहीं है।