31. द्विघात समीकरणों श्री धराचार्य द्वारा 11 वीं शताब्दी में इस्तेमाल किया गया.32. द्विघात कार्यों और उनके ग्राफ के गुण ऐसे और शीर्ष के रूप में33. के एक घन द्विघात रूप से निरूपित होता है और गतिज ऊ र्जा 34. बीजगणित में समीकरण साधनों के नियमों का उल्लेख किया तथा अनिर्णीत द्विघात समीकरण ( 35. द्विघात समीकरण के मूल निम्नलिखित सूत्र की सहायता से प्राप्त किये जा सकते हैं:36. द्विघात समीकरण के मूल निम्नलिखित सूत्र की सहायता से प्राप्त किये जा सकते हैं:37. द्विघात अवशेष मूलतः संख्या सिद्धान्त की मॉड्युलर गणित नामक शाखा की संकल्पना (कांसेप्ट) थी।38. 874 / 884) ने द्विघात अपरिमेय और घन अपरिमेय की जांच की और उनका वर्गीकरण किया. 39. बीजगणित में समीकरण साधनों के नियमों का उल्लेख किया तथा अनिर्धार्य द्विघात समीकरण ( 40. ए: इनटेक बी: संपीड़न सी: शक्ति डी: उत्सर्जन द्विघात इंजन का चलित (एनिमेटेड) स्वरूप