31. 29. 08.1991 अपने पूर्ववर्ती की तुलना में सुधारित विशेषताएं: बेहतर अभिविन्यास संवेदन के लिए जाइरो निर्देश तंत्र अधिक जानकारी के लिए... 32. ट्रोउटन-नोबल प्रयोग (1903) ने प्रदर्शित किया कि एक संधारित्र पर लगा बलाघूर्ण निर्देश तंत्र व स्थिति से स्वतन्त्र होता है। 33. विशिष्ट आपेक्षिकता के माध्यम से हम एक जड़त्वीय निर्देश तंत्र से दूसरे जड़त्वीय निर्देश तंत्र में इनके रूपांतरण नियम प्राप्त होते हैं। 34. विशिष्ट आपेक्षिकता के माध्यम से हम एक जड़त्वीय निर्देश तंत्र से दूसरे जड़त्वीय निर्देश तंत्र में इनके रूपांतरण नियम प्राप्त होते हैं। 35. एक द्रव्यमान-केन्द्रीय निर्देश तंत्र वह तंत्र है जहाँ द्रव्यमान केन्द्र न केवल स्थिर है बल्कि निर्देशांक निकाय के मूल बिन्दु पर स्थित है। 36. एक द्रव्यमान-केन्द्रीय निर्देश तंत्र वह तंत्र है जहाँ द्रव्यमान केन्द्र न केवल स्थिर है बल्कि निर्देशांक निकाय के मूल बिन्दु पर स्थित है। 37. स्थिर प्रेक्षक निर्देश तंत्र में गतिशील आवेश के विद्युत क्षेत्र का लोरेन्ज रूपांतरण के परिणामस्वरूप चुम्बकीय क्षेत्र नामक गणितीय व्यंजक प्रकट होती है। 38. जैसे विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र निर्देश तंत्र पर निर्भर हैं और एक दूसरे में समाहित हैं अतः इन्हें वैद्युतचुम्बकीय बल भी कहते हैं। 39. पृथ्वी पर स्थिर निर्देश तंत्र जड़त्वीय निर्देश तंत्र नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी की घूर्णन गति के साथ यह भी घूर्णन करता है। 40. पृथ्वी पर स्थिर निर्देश तंत्र जड़त्वीय निर्देश तंत्र नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी की घूर्णन गति के साथ यह भी घूर्णन करता है।