अरे देबाशीश तुम्हे जितू को सिवाय अपनी प्रशंशा के भाता भी क्या है, मै तो पहले ही कह चुका हू,निंदक नियरै राखिये का बोर्ड लगाने से काम नही चलता,तुम्हे तो सिर्फ़ दुसरे की नुकता चीनी की आदत है,स्वंय की नही भाइ अब बोर्ड पर भी लिख कर लगा दो लोगो को तभी समझ मे आयेगा.समझे..?
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नहीं, ' हिन् दी में नुकता का प्रयोग हम नहीं करेंगे ' ; मत कीजिये, फिर आपको ऐसे शब् द भी प्रयोग में नहीं लाने चाहियें जिनमे नुकता हो ; और अगर ऐसा करना ही है तो हिन् दी के शबदकोष अंश बनायें और फिर जिस रूप में शब् दकोश में लें उसे सार्वजनिक मान् यता दें।
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नहीं, ' हिन् दी में नुकता का प्रयोग हम नहीं करेंगे ' ; मत कीजिये, फिर आपको ऐसे शब् द भी प्रयोग में नहीं लाने चाहियें जिनमे नुकता हो ; और अगर ऐसा करना ही है तो हिन् दी के शबदकोष अंश बनायें और फिर जिस रूप में शब् दकोश में लें उसे सार्वजनिक मान् यता दें।
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मेरे एक दोस्त ने बतलाया कि उनके कस्बे के एक मौलाना, मस्जिद के पेश इमाम, मदरसे के मुतवल्ली कुरान के आलिम, बड़े मोलवी, ग्राम प्रधान रहे हज़रात ने कस्बे की रंडी हशमत जान का खेत पटवारी को पटा कर जीम का नुकता बदलवा कर नीचे से ऊपर करा दिया जो जान की जगह खान हो गया.
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अरे देबाशीश तुम्हे जितू को सिवाय अपनी प्रशंशा के भाता भी क्या है, मै तो पहले ही कह चुका हू, निंदक नियरै राखिये का बोर्ड लगाने से काम नही चलता, तुम्हे तो सिर्फ़ दुसरे की नुकता चीनी की आदत है, स्वंय की नही भाइ अब बोर्ड पर भी लिख कर लगा दो लोगो को तभी समझ मे आयेगा. समझे..
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सबसे ज़्यादा ग़ुस्सा तो मुझे नुक्ता के दुरउपयोग पर आता है-जहाँ नुकता नहीं होनी चाहिए वहाँ लोग डाल देते हैं-जहाँ होनी चाहिए वहाँ तो बिल्कुल नहीं डालते और क, ख, ग के नीचे नुक्ता आ सकता है-यह बात तो बहुत लोग जानते ही नहीं है-न यह जानते हैं कि इन अक्षरों का सही उच्चारण क्या है।
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मज़कूरा बाला नुकताचीनी को मैंने इसलिये नक़ल किया है ताकि स्वामी दयानन्द की इलहामी किताब के बारे में सही पोज़िशन का पता लग सके ये कहना कुरआन मजीद के जिन तराजिम की बिना पर स्वामी दयानन्द ने इस पर नुकताचीनी की है इन तराजिम में कुरआन मजीद के सही मफ़हूम को समझकर नुकता चीनी की है एक बहस तलबे मआमला है जिसका किसी क़द्र जवाब इस मज़मून के शुरू में दिया जा चुका है।
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औरतों को क़त्ले आम करने का हुक्म स्वामी दयानन्द ने कुरआन पर नुकता चीनी करते हुए ऐतराज़ नम्बर 140 में अपने ख़्यालात को बदीं अल्फ़ाज़ ज़ाहिर किया है कि जो किताब या ख़ुदा इस क़िस्म की तालीम देते हों कि बिला वजह ग़दर मचाओ, बैठे बिठाये लोगों को ख़्वाह मख़्वाह तकलीफ़ दो और अपने मतलब की ख़ातिर दूसरों की गर्दनें काटो वह किताब न तो ख़ुदा की किताब हो सकती है और न ऐसा ख़ुदा मानने के लायक़ है।
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अब हो गई मीटिंग समाज की तुम याकी मानौं खैंण और तीन चीज कूं कम करौ, जेवर नुकता दैंण चांदी पौंची बीस पै,सोनो दस हज्जार बेटी वाड़ा पै पड़ी, जब सादी की की मार सूदी बही सुंदार की घर बैठ्या मुर्गी ज्याय दस तोला सोना में से वा दो तोला कू खाय तीया को मेला कर्यौ, भर भर बुक्का ज्याय कोई झांझ मंजीरा बजै गैल में, निरबै सुड्डा गाय मीटिंग होगी टोडा में, कसीदा बंद कराबा की जेवर बंद करौ नुकता में आबा जाबा की।
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अब हो गई मीटिंग समाज की तुम याकी मानौं खैंण और तीन चीज कूं कम करौ, जेवर नुकता दैंण चांदी पौंची बीस पै,सोनो दस हज्जार बेटी वाड़ा पै पड़ी, जब सादी की की मार सूदी बही सुंदार की घर बैठ्या मुर्गी ज्याय दस तोला सोना में से वा दो तोला कू खाय तीया को मेला कर्यौ, भर भर बुक्का ज्याय कोई झांझ मंजीरा बजै गैल में, निरबै सुड्डा गाय मीटिंग होगी टोडा में, कसीदा बंद कराबा की जेवर बंद करौ नुकता में आबा जाबा की।
नुकता sentences in Hindi. What are the example sentences for नुकता? नुकता English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.