31. लीडिया अपने नैतिक बोध को स्वीकार करती है एवं चेखव उस बोध को आजीवन संरक्षण देते हैं 32. आगे भी अपने संयमित व्यवहार से वे लीडिया के इस नैतिक बोध का संरक्षण करते हैं । 33. नैतिक बोध की भाँति अध्यात्म अथवा रिलीजन के क्षेत्र में भी मनुष्य का मूल्यबोध बदल रहा है।34. फलत: मनुष्य अपने खोये हुए नैतिक बोध और भावात्मक इच्छा को पुन: खोजने का प्रयास करता है। 35. नैतिक बोध की भाँति अध्यात्म अथवा रिलीजन के क्षेत्र में भी मनुष्य का मूल्यबोध बदल रहा है।36. और उसमे समाते हुए सारे कन्सेप्शन्स, नैतिक बोध , परिभाषाएं आपस मे गड-मड होती जाती हैं.. 37. ' ' और लीडिया अपने नैतिक बोध के पाश में छटपटाते हुए भी उस प्रेम को जीवित रखती है “ 38. फलत: मनुष्य अपने खोये हुए नैतिक बोध और भावात्मक इच्छा को पुन: खोजने का प्रयास करता है। 39. ऐसे में शिक्षा में, सिखावन में उस नैतिक बोध की जगह कम होती गई, जो ऐसी कामयाबी पर सवाल खड़े करता था। 40. संतोष की बात यह है कि धीरे-धीरे देश जाग रहा है और अन्यायपूर्ण स्थितियों के प्रति एक अपेक्षित नैतिक बोध से भर रहा है।