31. विभिन्न कारकसबंधों के स्पष्टीकरण के लिये भाषा में परसर्ग व प्रिपोज़िशन का विकास हुआ। 32. संप्रदान कारक का परसर्ग (प्रत्यय) इन दोनों बोलियों में भिन्न भिन्न पाया जाता है। 33. यह बना है गुम में शुदा [गुम + शुदा] परसर्ग लगने से । 34. ' में से यदि ‘ से ' परसर्ग हटा दिया जाए तो वाक्य विपरीत अर्थ देगा। 35. संप्रदान कारक का परसर्ग (प्रत्यय) इन दोनों बोलियों में भिन्न भिन्न पाया जाता है। 36. अंग्रेज़ी में आप देखेंगे कि ' को ' का वाचक कोई परसर्ग या पूर्वसर्ग नहीं है. 37. भाषा में पदों के द्वारा अर्थ का तथा परसर्ग आदि के द्वारा संबंध का बोध होता है। 38. विकारी बहु वचन में ऊन के पश्चात् कारक परसर्ग जुड़ते हैं ञ = अनुस्वरीक बिंदु संदर्भ: 39. (2) वर्तमानकाल व भविष्यतकाल की सकर्मक क्रिया के कर्ता के साथ ने परसर्ग का प्रयोग नहीं होता है। 40. सहुं, केहिं, तेहिं, देसि, तणेण, केरअ, मज्झि आदि परसर्ग भी प्रयुक्त हुए।