31. विद्यालय का परिकर अपने एक-एक अंग से अपना परिचय देता है। 32. भगवान् के परिकर दो प्रकार के है-नित्य सिद्ध और साधन-सिद्ध। 33. गौणीय-सम्प्रदायमें चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख परिकर श्रीमुरारिगुप्तहनुमानजी के अवतार माने गए हैं। 34. फिर वह तो अनादि काल के परिकर हैं, भगवान् शंकर हैं। 35. देखते-देखते उस महासंकीर्तन में कृष्ण के सभी परिकर क्रमश: आविर्भूत होने लगे। 36. पदौन्नति बाहर के परिकर बढ़ाती है जो अशान्ती के कारण है । 37. परिकर में तीर्थंकर जितनाथ, संभवनाथ,चंद्रप्रभु,शीतलनाथ,पाश्र्वनाथ व महावीर स्वामी की मूर्तियाँ विद्यमान हैं।38. पदौन्नति बाहर के परिकर बढ़ाती है जो अशान्ती के कारण है । 39. परिकर ने नए निदेशक बोर्ड को अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।40. दशावतार मन्दिरके समान परिकर में कई देवता (ब्रह्मा, विष्णु आदि) भी अंकित हैं.