31. पुराणों के अनुसार मंगलागौरी की परिक्रमा करने से संपूर्ण पृथ्वी की प्रदक्षिणा का पुण्यफल मिलता है। 32. इस तरह केवल दर्शन मात्र से यह अखण्ड दीपक तीर्थ यात्रा का पुण्यफल प्रदान करता है। 33. यही है आध्यात्मिक त्रिवेणी-संगम जिसका अवगाहन करने पर मनुष्य असीम पुण्यफल का भागी बनता है। 34. बस, मन में विश्वास कर लों तो त्रिवेणी स्नान का पुण्यफल यहीं प्राप्त हो जायेगा। 35. यदि इस प्रकार कोई भी व्यक्ति ज्ञान में करे तो वह अक्षय पुण्यफल प्राप्त करता है। 36. पुराणों के अनुसार मंगलागौरी की परिक्रमा करने से संपूर्ण पृथ्वी की प्रदक्षिणा का पुण्यफल मिलता है। 37. क्योंकि हजारों गोदान का जो पुण्यफल है वह इसको धारण करने वाले को मिलता है. 38. अब मैं सात दिन के बाद इसी तीर्थ में प्राण त्याग दूँगा और पुण्यफल को प्राप्त करूँगा। 39. अपने पुरूषार्थ से अपने पाप कर्मो का प्रायश्चित भी करें और सत्कर्मो द्वारा पुण्यफल भी प्राप्त करें। 40. इन मासों में तीर्थ स्थलों पर नित्य स्नान, दानादि करने से अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है।