31. संयोग यह हुआ कि वह हज़रत मोहम्मद स से उनकी पैग़म्बरी की घोषणा के कई वर्ष पूर्व ही उनसे परिचित हो गईं। 32. लेकिन शिया मुसलमानों का मत है कि हज़रत मुहम्मद (स.) अल्लाह के आख़िरी पैग़म्बर थे और उनके बाद पैग़म्बरी ख़त्म हो गई। 33. ने अपनी पैग़म्बरी के पहले दिन से ही जिहालत को ख़त्म करने और अख़लाक़ व इल्म फैलाने का काम शुरू किया था। 34. मुहम्मद को जब इस बात का इल्म हुवा तो उनकी पैग़म्बरी सर पर पैर रख कर मक्का से रातो रात भागी. 35. पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाईयां स्वीकार कीजिए। 36. अंत में एक बार फिर पैग़म्बरे इस्लाम (स) की पैग़म्बरी की घोषणा के के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई प्रस्तुत करते हैं। 37. यह सच्चा वादा वास्तव में पैग़म्बरी प्रदान किए जाने का वादा था जो कुछ वर्ष बाद पूरा हुआ और जिसने इतिहास को नई दिशा दी। 38. उनके बाद पैग़म्बरी की जगह इमामत ने लेली अर्थात अल्लाह ने इंसानों की हिदायत के लिए पैग़म्बर के स्थान पर इमाम भेजने शुरू कर दिये। 39. हर पैग़म्बर को ख़ुदा की तरफ़ से पैग़म्बरी के साथ दलील भी दी जाती थी, जिसे क़ुरआन में ‘ बुरहान ‘ कहा गया है। 40. उनके बाद पैग़म्बरी की जगह इमामत ने लेली अर्थात अल्लाह ने इंसानों की हिदायत के लिए पैग़म्बर के स्थान पर इमाम भेजने शुरू कर दिये।