31. किसी भी कृति के लिये नायक के साथ ही सशक्त प्रतिनायक का होना अति आवश्यक है। 32. प्रबलतम प्रतिद्वंद्वी बनाकर रामकथा का सहज प्रतिनायक (एंटी हीरो) बनाया है, जबकि भक्त कवि तुलसीदास रावण को 33. 600 रु. रावण चर्चा रामायण में रावण का उल्लेख प्रतिनायक के रूप में किया गया है। 34. पेन एक प्रतिनायक है, जैसा कि वह कहता है “मैं उनमें से एक नहीं था, मैं नायक नहीं था”. 35. पेन एक प्रतिनायक है, जैसा कि वह कहता है “मैं उनमें से एक नहीं था, मैं नायक नहीं था”. 36. नायक स्वयं अब प्रतिनायक से आगे जाकर खलनायक ही हो गया, परन्तु महिमामण्डन की बदौलत केन्द्रीय चरित्र बना रहा। 37. इसलिए उसे न तो नायक के रूप में देखे जाने की जरूरत है न ही प्रतिनायक के रूप में । 38. बाबू गुलाबराय की मान्यता है कि चार अंकों के इस नाटक में एक धीरोदात्त नायक तथा एक प्रतिनायक होता है। 39. यदि नायक और प्रतिनायक के कथन विरोधाभाषी हो तो भी यह लेखक के मन मे चल रहा एक प्रतिद्वंद होता है। 40. बीच बीच में किसी दिव्यनारी के बलात् अपहरण की इच्छा रखनेवाले नायक या प्रतिनायक की श्रृंगारजन्य चेष्टाएँ भी दिखाई जाती हैं।