31. ह्रदय में धड़कता निर्विकार प्यार की लहरें जब गुण प्रभावित मन-बुद्धि में पहुंचती हैं तब ये बासना की लहरों में बदल जाती हैं । 32. आपूर्ति की याद आती है के साथ, वे हमले के रूप में अच्छी तरह से बासना के रूप में वे विचित्र लाल रक्त प्यासा जीव मुठभेड़. 33. तब यह करते क्या हैं?????????????? लड्कीयों का सेक्सुअल हेर्रेसेमेन्ट तथा उनके साथ छेढ़ छाद करके ये अपनी कुत्सित बासना को तृप्त करना चाहते हैं । 34. काम बासना की उत्पत्ति किसी भी पुरूष या नारी की इच्छाओं पर निर्भर है, काम (सेक्स) की प्रबलता एक पक्ष पर निर्भर नही करती है। 35. ऐसे कर्म जिनमें काम, अहंकार, कामना, लोभ, बासना , राग, रूप, रंग जैसे भाव छिपे हो उनको राजस कर्म कहते हैं । 36. चेतना ऊपर की ओर उठती है, ऊपर जब यह ह्रदय को छूती है तब बासना प्यार में बदल जाती है जहां गुणों का कोई प्रभाव नहीं होता । 37. इसी सेकुलर सोच का गुलाम हर ब्यक्ति चाहता है कि उसकी महिला मित्र हो, जो हर जगह उसके साथ घूमे व विना शादी के उसकी बासना की पूर्ति करती रहे । 38. बस यही है समस्या की जड़ ।ये अपनी बासना की पूर्ति को प्यार का नाम देते हैं और जिससे ये प्यार करते हैं उसके साथ जीवन जीने से मना कर देते हैं। 39. बस यही है समस्या की जड़ ।ये अपनी बासना की पूर्ति को प्यार का नाम देते हैं और जिससे ये प्यार करते हैं उसके साथ जीवन जीने से मना कर देते हैं। 40. इसी सेकुलर सोच का गुलाम हर ब्यक्ति चाहता है कि उसकी महिला मित्र हो, जो हर जगह उसके साथ घूमे व विना शादी के उसकी बासना की पूर्ति करती रहे ।