31. उनका दावा है कि मन तथा बाह्य प्रकृति दोनों नियम से, एक तथा समान नियम से आबद्ध हैं । 32. हमें इनसे उबरने के लिए सिर्फ अपने भीतर की प्रकृति को सुधारना है, बाह्य प्रकृति स्वयं सुधर जाएगी। 33. “संक्षेप में, पशु बाह्य प्रकृति का उपयोग मात्र करता है और उस में केवल अपनी उपस्थिति द्वारा परिवर्तन लाता है। 34. संक्षेप में, पशु बाह्य प्रकृति का उपयोग मात्र करता है और उस में केवल अपनी उपस्थिति द्वारा परिवर्तन लाता है। 35. कांट की व्यावहारिक बुद्धि शुद्ध बुद्धि की भाँति बाह्य प्रकृति के तथा अपने स्वभाव के नियमों से सीमित न थी। 36. उनका दावा है कि मन तथा बाह्य प्रकृति दोनों नियम से, एक तथा समान नियम से आबद्ध हैं । 37. कांट की व्यावहारिक बुद्धि शुद्ध बुद्धि की भाँति बाह्य प्रकृति के तथा अपने स्वभाव के नियमों से सीमित न थी। 38. सं क्षेप में, पशु बाह्य प्रकृति का उपयोग मात्र करता है और उस में केवल अपनी उपस्थिति द्वारा परिवर्तन लाता है। 39. के भी कई उपभेद है, जिसमे बाह्य प्रकृति की बात की जाए तो वो मूल प्रकृति है जबकि आतंरिक प्रकृति परावर्तित है. 40. सं क्षेप में, पशु बाह्य प्रकृति का उपयोग मात्र करता है और उस में केवल अपनी उपस्थिति द्वारा परिवर्तन लाता है।