31. यदि रोजगार चोट से आंशिक या स्थाई अशक्तता होती है तो स्थाई अपंगता हितलाभ (बीमाकृत व्यक्ति की मृत्युपर्यन्त) देय होगा । 32. तथापि बीमाकृत व्यक्ति अपनी इच्छानुसार बेरोजगार भत्ते को शामिल करते हुए कोई अन्य पूर्वोक्त हितलाभ के लिए विकल्प दे सकता है… 33. बीमाकृत व्यक्ति के बेरोजगार भत्ता प्राप्त करने की अवधि तक स्वयं और उसके परिवार के लिए क. रा.बी. अस्पतालों/औषधालयों से चिकित्सा देखरेख ।34. बीमाकृत व्यक्तियों के लिए:-बीमाकृत व्यक्ति संबद्घ क.रा.बी. औषधालय/अस्पताल/नैदानिक केन्द्र तथा मान्यता प्राप्त संस्थानों में उपचार कराने के हकदार हैं:- 35. अन्य हितलाभ: अंत्येष्टि व्यय: बीमाकृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए संबंधियों को रुपये 10,000/-तक भुगतान करना । 36. इस सम्बन्ध में, समुद्री बीमा गैर-समुद्री बीमा से अलग है, जहां बीमाकृत व्यक्ति या वस्तु को अपनी हानि को साबित करना पड़ता है. 37. (क) बीमाकृत व्यक्ति एवं उसके परिवार के चिकित्सा उपचार पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति का पूरा प्राधिकार संबंधित राज्य सरकार को है | 38. यदि रोज़गार चोट आंशिक या पूर्ण / स्थाई अपंगता में परिणत हो जाती है तो स्थाई अपंगता हितलाभ बीमाकृत व्यक्ति को आजीवन देय है. » 39. कि वह मृत बीमाकृत व्यक्ति के परिवार का सबसे बडा जीवित सदस्य है एवं मृत व्यक्ति की अंत्येष्टि का खर्च वहन किया है या 40. चिकित्सा हितलाभ: बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों को बीमा योग्य रोजगार में आने के दिन से पूर्ण चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है।