31. * खा ले व्यंजन गप्प से, बेपर गप्प न छोड़. तोड़ नहीं वादा 'सलिल', ले सब जग से होड़.. 32. आपको कभी लगे कि झूठ बोल रहा हूं, जबरन की बेपर की उड़ा रहा हूं तो साथ साथ उड़ते रहिये। 33. इन कब्रों पर फड़फड़ाते ये पंख, उन कहानियों के हैं, जो इस जमीन में बेपर के जमींदोज हैं। 34. कल्पना बेपर की उड़ान भर हो हो तो बात दूसरी है अन्यथा वह ध्यान के अनुरूप ही साधक की आकृति बना लेती है । 35. कल्पना बेपर की उड़ान भर हो हो तो बात दूसरी है अन्यथा वह ध्यान के अनुरूप ही साधक की आकृति बना लेती है । 36. इस पोस्ट का शीर्षक पढ़ कर शायद आप सोच रहे होंगे कि ये जी. के. अवधिया क्या बेपर की हाँक रहा है? 37. एस जी (मैं हू-मैं हूँ)-पर्ले दर्जे का मूर्ख और बेपर की उड़ाने वाला चला गया चलो अब जनता को राहत मिली। 38. इस ऊपन्यास के बारे में इस बार के विश्व पुस्तक मेले में बहुत सुना था, पर बेपर की हाईप समझ कोई भाव न दिया था। 39. मेरे कई लेखों पर ऐसी टिप्पणियाँ दी गई हैं-” यह मूर्खतापूर्ण कथा है ”, ” यह आप क्या बेपर की उड़ा रहे हैं ” आदि-आदि। 40. धनपत हवा भरनेवाले पंप पर ऊपर-नीचे हुमक कर साइकिल मालिक की डूबती नब्ज में भी बराबर आशा का संचार करता है... अपनी बेपर की बातों से...