31. ऐतिहासिक भाषा-विज्ञान ने कई भाषाओं में निषेध विरूपणों के संकेतों को प्रकट किया है. 32. ऐतिहासिक भाषा-विज्ञान ने कई भाषाओं में निषेध विरूपणों के संकेतों को प्रकट किया है. 33. हिंदी भाषा-विज्ञान में हुए सारे कार्य नकल या महज अनुवाद नहीं कहे जा सकते। 34. लेखन भाषा-विज्ञान शोध रतन सिंह रायपा शौका सीमावर्ती जन जाति 1974 का प्रकाशन किया। 35. और भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान का तो अभी तक मूल्यांकन होना बाकी है। 36. एक जमाना था, जब भाषा-विज्ञान और नृतत्त्वशास्त्र की घनिष्ठ मैत्री में विश्वास किया जाता था। 37. एक जमाना था, जब भाषा-विज्ञान और नृतत्त्वशास्त्र की घनिष्ठ मैत्री में विश्वास किया जाता था। 38. और भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान का तो अभी तक मूल्यांकन होना बाकी है। 39. श्रीयुत बाबू नलिनीमोहन सान्याल एम. ए. अपने भाषा-विज्ञान की प्रवेशिका में यह लिखते हैं- 40. भाषा-विज्ञान संबंधी रामविलासजी के लेखन की चर्चा भाषा विज्ञानियों के बीच बहुत कम होती है।