31. इसी फिल्म में पहली बार हमें पता चला कि किसी कंजूस को मक्खीचूस क्यों कहते हैं । 32. रिक्शेवाले ने हिकारत से कहा, ” चमड़ी चली जाय पर दमड़ी न जाए, बड़े मक्खीचूस होते है। 33. मैं यहाँ नहीं हूँ मक्खीचूस खेलने के लिए, मैं होता लेकिन जैसे लोग क्या कर रहे हैं वास्तव में छुट्टियों 34. बड़े बाबू ने गम्भीर भाव से कहा-विश्वास मानिए, बड़ा पोढ़ा आदमी है, और बला का मक्खीचूस है। 35. जब वह बाहर निकलता तो दूसरे जीव उसका मरियल-सा शरीर देखते और कहते “ वह देखो, मक्खीचूस जा रहा हैं। 36. अपने कारोबार के सिलसिलेमें वह स्वयं भी गाँव की दो-तीन मुसम्मातों और मालदार मक्खीचूस बाबू लोगोंसे कम सूद पर रुपया लेता था. 37. पर तू ठहरी कंजूस, मक्खीचूस कहीं की! ” नामिका मानों हमें हमारी गलतियों की लिस्ट पढ़ कर सूना रही थी। 38. १) पहली प्रस्तुती है फिल्म मक्खीचूस (१ ९ ५ ६) से, जिसके कलाकार थे महिपाल और श्यामा. 39. कंजूस, मक्खीचूस कहीं की! अब हम बाजार में स्कूल-बैग ढूंढ रहे है...... सस्ता और टिकाऊ कहीं से मिल जाये। 40. बच्चों अब तो तुम समझ ही गए होगे कि बेहद कंजूस आदमी को मक्खीचूस कहने का प्रचलन कैसे और कबसे चला था।