31. इससे पहले के खलल एक मरज़ बन जाये, मन्दे ग्रहों का उपाय ज़रूरी । 32. दूसरों को नसीहत करने वाले मफरूज़ा रसूल बज़ात खुद इस मरज़ में मुब्तिला थे. 33. जिस ने मरज़ दिया वही दवाई देगा, जिस ने चोंच दी वही चुग्गा भी देगा। 34. न लाओ लफ़्ज़े-तआस्सुब को कभी दिल के क़रीब मरज़ ये ऐसा है जिसकी दवा नहीं होती 35. तेरह दिलों की धड़कनें, तेरह दलों का बल, जम्हूर का मरज़ ये वबाल ए हकीम है. 36. मरज़ बढ़ता गया ज्यों-ज्योंह इलाज करता गया, कहावत सुधार के बजाय बिगाड़ होता गया।37. मुहम्मद को अपना राग अवाम को सुनाने का मरज़ था, वह राग जो बेरागा था. 38. आम तौर पर मुसलमान इसी मरज़ का शिकार है जिस की गवाह इस की मौजूदा तस्वीर है. 39. खुदा बन्दे के दिल में मरज़ बदाता था? कैसा खतरनाक था खुदा जो अभी तक बाकी बचा और कायम है. 40. दिल उनका बारहवीं क्लास के ज़माने से ही मरज़ पकड़ चुका था और इस मरज़ की पहचान शायरा अमृता प्रीतम कर चुकी हैं.