31. ऐसा देखा गया है कि जो लोग विश्व में कोई महान् कार्य करते हैं, वेद्रुतनिश्चयी तथा दृढ़निश्चयी होते हैं. 32. लेकिन ऐसे छोटे-छोटे आसान कार्यो से ही हम स् वर्ग के महान् कार्य करने के योग् य पात्र बनेगें। 33. अभी यह लिखना पर्याप् त है कि स्वामीजी के जीवन का एक महान् कार्य वेदभाष्य करना भी था । 34. वह 35 वर्ष तक इस महान् कार्य में व्यस्त रहा और 25 फरवरी, 1010 ई. को इसे पूरा किया। 35. वह 35 वर्ष तक इस महान् कार्य में व्यस्त रहा और 25 फरवरी, 1010 ई. को इसे पूरा किया। 36. किसी भी महान् कार्य अथवा आविष्कार से अपने को जोड़ कर अमर हो जाने की यूरोपियनों में प्रवृत्ति रही है। 37. किसी भी महान् कार्य अथवा आविष्कार से अपने को जोड़ कर अमर हो जाने की यूरोपियनों में प्रवृत्ति रही है। 38. धर्मी ठहराये जाने का साधन ये है कि हम उस महान् कार्य में विश्वास के द्वारा कैसे जुड़ जाते हैं। 39. अगर अकेले हैं, तो क्या हुआ? संसार में अब तक महान् कार्य किसी अकेले शख्स ने ही किए हैं। 40. वह 35 वर्ष तक इस महान् कार्य में व्यस्त रहा और 25 फरवरी, 1010 ई. को इसे पूरा किया।