31. (ग) प्रत्येक मध्यस्थ यह सुनिश्चित करेगा माध्यस्थम कार्यवाहियां पर्याप्त तेजी से की जाएं। 32. उदाहरणार्थ ' पंच' या 'पंचायत' को कोई विवाद संदर्भित करना माध्यस्थम का एक रूप है। 33. निर्णय माध्यस्थम कार्यवाही आरंभ होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर दिया जाए। 34. माध्यस्थत तथा समाधान अधिनियम, 1996 ने सभी तीन माध्यस्थम अधिनियमों को निरस्त कर दिया है। 35. माध्यस्थम की कार्यवाही माध्यस्थम और सुलह अधिनियम, 1996 के प्रावधानों के द्वारा शासित होगी ।36. माध्यस्थम की कार्यवाही माध्यस्थम और सुलह अधिनियम, 1996 के प्रावधानों के द्वारा शासित होगी । 37. माध्यस्थम पंचाट उसके अंतर्गत दावा करने वाले पक्षकारों तथा व्यक्तियों के लिए अंतिम तथा बाध्यकारी होगा।38. यद्यपि, कोई औपचारिक दस्तावेज निर्धारित नहीं किया गया है, एक माध्यस्थम करार/खंड लिखित में होना चाहिए। 39. पक्षकार माध्यस्थम न्यायाधिकरण, द्वारा अपनी कार्यवाही के दौरान अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया पर सहमत होंगे। 40. अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य घराना, अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य घराने का माध्यस्थम न्यायालय, भारतीय अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य घराने की राष्ट्रीय समिति