31. मैंने तो सीमाओं से मुक्त आकाश चाहा था जहां सिर्फ और सिर्फ तुम हो और तुम्ही में निहित हो मेरा वजूद 32. मुक्त आकाश के तले, अदृश्य तंतुओं से जुङे, सहस्र आँखे फिर यहाँ, अपनापन लिए पढती हैं, एक ब्लाग या पाती ।33. नारी को अपने क्षमाशील होने की हद खुद ही तय करनी होगी, तभी वो मुक्त आकाश में खुली सांस ले पायेगी. 34. मनोज जी जो हुआ उसे भूल कर अपने बेटे को नया मुक्त आकाश दे ताकि वो जीवन पथ पर आगे बढ सके 35. वे हमारे सपनों को उड़ान देते हैं और हमारी कल्पनाओं को मुक्त आकाश . वे हमारे सपनों के संरक्षक होते हैं. 36. वे हमारे सपनों को उड़ान देते हैं और हमारी कल्पनाओं को मुक्त आकाश . वे हमारे सपनों के संरक्षक होते हैं. 37. वे हमारे सपनों को उड़ान देते हैं और हमारी कल्पनाओं को मुक्त आकाश . वे हमारे सपनों के संरक्षक होते हैं. 38. नारी को अपने क्षमाशील होने की हद खुद ही तय करनी होगी, तभी वो मुक्त आकाश में खुली सांस ले पायेगी. 39. ऊंट की सवारी करते हुए थक जाएं तो कहीं भी टेंट लगा सकते हैं या मुक्त आकाश के नीचे बिस्तर बिछा सकते हैं। 40. मुक्त आकाश में उड़ान, और सपनों को पूरा होते हुए सिर्फ आर्थिक रूप से स्वतंत्र पुरुष और स्त्री ही देख पाते हैं!