31. खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है इसलिए उससे भी मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है। 32. मूत्र मार्ग , छह प्रमुख अंगों-दो वृक्क (गुर्दे), दो मूत्रवाहिनी (यूरेटर), मूत्राशय और यूरिथ्रा से मिलकर बना होता है।33. सब देवताओं ने ऋषि से प्रार्थना किया तो उन्होंने समुद्र को मूत्र मार्ग से बाहर निकाल दिया. 34. योनि या मूत्र मार्ग के संक्रमण या कब्ज से मूत्राशय असंयमता के अस्थाई लक्षण पैदा हो सकते हैं। 35. -शरीर में होने वाले बदलावों के कारण मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) का जोखिम बढ़ जाता है। 36. कई बार, योनि या लिंग में संक्रमण होने की वजह से भी मूत्र मार्ग को प्रभावित करते हैं। 37. स्त्री योनि या पुरुष लिंग के मूत्र मार्ग से प्राण निकलने पर-जल प्रवाह अंग-जलचर जीव । 38. ऐसे रोगी द्वारा बार-बार मूत्र त्याग करना, मूत्र मार्ग में जलन एवं अपूर्ण मूत्र त्याग का अहसास होता है। 39. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, मूत्र मार्ग में होने वाला संक्रमण होता है, जो गर्भावस्था में होना सामान्य बात नहीं है। 40. इस समस्या में गुर्दे की पथरी खिसक कर जब पेशाब नली में आ जाती है तो मूत्र मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।